Tenant Rights 2025: किराएदारों के लिए बड़ा तोहफा – जानिए सरकार का नया नियम और अपने हक

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Tenant Rights
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भारत में लाखों लोग अपने जीवन में कभी न कभी किराएदार बनते हैं। चाहे वह शहर में नौकरी करने आया युवा हो या फिर परिवार के साथ रहने वाला मध्यमवर्गीय परिवार, सभी को किराए के मकान में रहने की जरूरत पड़ती है। लेकिन, बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि किराएदार के भी कानूनी अधिकार होते हैं और सरकार ने मकान मालिकों के खिलाफ किराएदारों की सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं।

पहले किराएदारों को अक्सर मकान मालिकों के साथ अन्याय, मनमानी और परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब सरकार ने नए कानून और नियम बनाए हैं, जिससे किराएदारों को ज्यादा सुरक्षा और अधिकार मिले हैं। इन नियमों के तहत मकान मालिक किराएदार को बिना कारण नहीं हटा सकते, किराए में मनमानी नहीं कर सकते और न ही किराएदार को परेशान कर सकते हैं। अगर आप भी किराएदार हैं, तो आपको इन नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए ताकि आप अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें।

What are Tenant Rights in India?

किराएदार के अधिकार का मतलब है, वे सभी कानूनी हक जो किराएदार को मकान मालिक के खिलाफ सुरक्षा देते हैं। इन अधिकारों का मकसद है कि किराएदार को न्याय मिले, उसकी सुरक्षा हो और उसे मकान मालिक की मनमानी का शिकार न बनना पड़े। सरकार ने Rent Control Act और Model Tenancy Act जैसे कानून बनाए हैं, जो किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों की रक्षा करते हैं।

किराएदार को मकान, दुकान या किसी भी प्रॉपर्टी में रहने का अधिकार तब तक रहता है, जब तक वह किराया समय पर देता है और एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करता है। किराएदार को अपने घर में शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है, मकान मालिक बिना सूचना दिए घर में नहीं आ सकता, न ही वह किराएदार को धर्म, जाति, लिंग या खान-पान के आधार पर भेदभाव कर सकता है। अगर किराएदार को लगता है कि उसे परेशान किया जा रहा है, तो वह कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

किराएदार के अधिकार –

अधिकार/नियम (Tenant Rights)विवरण (Description)
शांतिपूर्वक घर में रहने का अधिकारमकान मालिक बिना सूचना दिए घर में नहीं आ सकता, किराएदार की सहमति से ही घर में आ सकता है
अनुचित किराए वृद्धि का विरोधकिराएदार अनुचित किराए वृद्धि के खिलाफ आवाज उठा सकता है, सरकार ने किराए वृद्धि पर कैप लगा दी है
सिक्योरिटी डिपॉजिट वापसीकिराएदार को मकान खाली करने के बाद सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस मिलने का अधिकार है
जरूरी सेवाओं की आपूर्तिमकान मालिक बिजली, पानी जैसी जरूरी सेवाएं नहीं रोक सकता, चाहे किराया कुछ भी हो
एग्रीमेंट समाप्त करने का अधिकारकिराएदार नोटिस देकर अपना एग्रीमेंट समाप्त कर सकता है
भेदभाव पर प्रतिबंधमकान मालिक जाति, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति या खान-पान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता
समय पर मरम्मत का अधिकारबड़ी मरम्मत की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है, किराएदार को समय पर मरम्मत का अधिकार है
किराएदार को खाली कराने का नियममकान मालिक सिर्फ तभी किराएदार को हटा सकता है, जब किराएदार किराया न दे या एग्रीमेंट तोड़े

किराएदार के मुख्य अधिकार और नियम

  • शांतिपूर्वक रहने का अधिकार:
    किराएदार को अपने किराए के घर में शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है। मकान मालिक बिना सूचना दिए घर में नहीं आ सकता। अगर मकान मालिक को घर देखना हो, तो उसे पहले किराएदार को सूचना देनी होगी।
  • अनुचित किराए वृद्धि का विरोध:
    मकान मालिक मनमाने ढंग से किराए में बढ़ोतरी नहीं कर सकता। नए कानून के अनुसार, किराए में सालाना 5% से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की जा सकती। किराएदार को किराए बढ़ाने से पहले सूचना देनी होगी।
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट वापसी:
    किराएदार को मकान खाली करने के बाद सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस मिलने का अधिकार है। मकान मालिक बिना कारण सिक्योरिटी डिपॉजिट रोक नहीं सकता।
  • जरूरी सेवाओं की आपूर्ति:
    मकान मालिक किसी भी स्थिति में बिजली, पानी जैसी जरूरी सेवाएं नहीं रोक सकता। अगर किराएदार को लगता है कि उसे परेशान किया जा रहा है, तो वह शिकायत कर सकता है।
  • एग्रीमेंट समाप्त करने का अधिकार:
    किराएदार नोटिस देकर अपना एग्रीमेंट समाप्त कर सकता है। मकान मालिक को भी किराएदार को हटाने के लिए नोटिस देना होता है।
  • भेदभाव पर प्रतिबंध:
    मकान मालिक जाति, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति या खान-पान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है, तो किराएदार कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
  • समय पर मरम्मत का अधिकार:
    बड़ी मरम्मत की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है, जबकि छोटी मरम्मत किराएदार को करनी होती है। किराएदार को समय पर मरम्मत का अधिकार है।
  • किराएदार को खाली कराने का नियम:
    मकान मालिक सिर्फ तभी किराएदार को हटा सकता है, जब किराएदार किराया न दे या एग्रीमेंट की शर्तें तोड़े। बिना कारण किराएदार को नहीं हटाया जा सकता।

भारत में किराएदारों के अधिकार Rent Control Act और Model Tenancy Act जैसे कानूनों से मिलते हैं। इन कानूनों का मकसद है कि किराएदार और मकान मालिक दोनों के बीच न्याय हो और कोई भी पक्ष दूसरे का शोषण न कर पाए।

  • Rent Control Act:
    यह कानून देश के लगभग सभी राज्यों में लागू है। इसके अनुसार, मकान मालिक बिना कारण किराए में बढ़ोतरी नहीं कर सकता। किराएदार को गलत तरीके से घर से नहीं निकाला जा सकता, अगर वह समय पर किराया देता है और एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करता है।
  • Model Tenancy Act:
    यह कानून 2021 में लागू किया गया है। इसके अनुसार, मकान मालिक और किराएदार के बीच कानूनी एग्रीमेंट बनाना जरूरी है। किराए बढ़ाने के लिए कम से कम 3 महीने पहले सूचना देनी होगी। मकान मालिक सुरक्षा राशि के तौर पर सिर्फ 2 महीने का किराया ही ले सकता है (घर के लिए)।
  • अधिकारों की सुरक्षा:
    अगर किराएदार को लगता है कि उसके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, तो वह रेंट अथॉरिटी या कोर्ट में शिकायत कर सकता है।

किराएदार के अधिकार: क्या करें अगर अधिकारों का उल्लंघन हो?

  • दस्तावेज़ रखें:
    हमेशा रेंट रिसीप्ट, एग्रीमेंट, कम्युनिकेशन और मरम्मत की मांग के सबूत सुरक्षित रखें।
  • शिकायत करें:
    अगर मकान मालिक अनुचित व्यवहार करता है, तो रेंट अथॉरिटी या पुलिस में शिकायत करें।
  • कानूनी नोटिस:
    अगर मकान मालिक सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं लौटाता या परेशान करता है, तो कानूनी नोटिस भेजें।
  • कोर्ट का सहारा:
    अगर समस्या सुलझ नहीं रही है, तो कोर्ट में केस दर्ज करा सकते हैं।

किराएदार के अधिकार: सरकार के नए नियम

  • किराए में बढ़ोतरी पर कैप:
    सालाना किराए में बढ़ोतरी 5% से ज्यादा नहीं हो सकती।
  • एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन:
    11 महीने से ज्यादा के एग्रीमेंट को रजिस्टर करना जरूरी है।
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट:
    घर के लिए सिर्फ 2 महीने का किराया सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर लिया जा सकता है।
  • मरम्मत का अधिकार:
    बड़ी मरम्मत की जिम्मेदारी मकान मालिक की है, छोटी मरम्मत किराएदार की।
  • भेदभाव पर प्रतिबंध:
    मकान मालिक जाति, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति या खान-पान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता।
  • शिकायत निवारण:
    हर जिले में रेंट अथॉरिटी बनी है, जहां किराएदार और मकान मालिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

किराएदार के अधिकार: मकान मालिक क्या नहीं कर सकते?

  • मनमानी किराए वृद्धि:
    मकान मालिक मनमाने ढंग से किराए में बढ़ोतरी नहीं कर सकता, सरकार ने सालाना 5% तक की बढ़ोतरी की सीमा लगाई है।
  • बिना सूचना घर में आना:
    मकान मालिक बिना सूचना दिए घर में नहीं आ सकता, किराएदार की सहमति से ही आ सकता है।
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट रोकना:
    मकान मालिक बिना कारण सिक्योरिटी डिपॉजिट नहीं रोक सकता, किराएदार को वापस मिलना चाहिए।
  • जरूरी सेवाएं रोकना:
    मकान मालिक बिजली, पानी जैसी जरूरी सेवाएं नहीं रोक सकता।
  • भेदभाव करना:
    मकान मालिक जाति, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति या खान-पान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता।
  • बिना कारण हटाना:
    मकान मालिक सिर्फ तभी किराएदार को हटा सकता है, जब किराएदार किराया न दे या एग्रीमेंट की शर्तें तोड़े।

किराएदार के अधिकार: क्या करें अगर मकान मालिक परेशान करे?

  • शांति से बात करें:
    पहले मकान मालिक से शांति से बात करें और समस्या बताएं।
  • शिकायत दर्ज करें:
    अगर समस्या सुलझ नहीं रही है, तो रेंट अथॉरिटी या पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
  • कानूनी नोटिस:
    कानूनी नोटिस भेजें, जिससे मकान मालिक को पता चले कि आप अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हैं।
  • कोर्ट का सहारा:
    अगर समस्या सुलझ नहीं रही है, तो कोर्ट में केस दर्ज करा सकते हैं।

किराएदार के अधिकार: एग्रीमेंट कैसा होना चाहिए?

  • किराए की राशि और भुगतान का तरीका
  • एग्रीमेंट की अवधि
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि
  • मरम्मत की जिम्मेदारी
  • एग्रीमेंट समाप्त करने का नोटिस पीरियड
  • मकान मालिक और किराएदार के हस्ताक्षर

अगर एग्रीमेंट 11 महीने से ज्यादा का है, तो उसे रजिस्टर करना जरूरी है।

किराएदार के अधिकार: सिक्योरिटी डिपॉजिट

किराएदार को मकान खाली करने के बाद सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस मिलने का अधिकार है। मकान मालिक सिर्फ तभी सिक्योरिटी डिपॉजिट रोक सकता है, जब किराएदार ने मकान को नुकसान पहुंचाया हो या बकाया किराया हो।

घर के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट सिर्फ 2 महीने का किराया हो सकता है, जबकि दुकान या ऑफिस के लिए 6 महीने तक का किराया लिया जा सकता है।

किराएदार के अधिकार: मरम्मत की जिम्मेदारी

  • छोटी मरम्मत:
    छोटी मरम्मत की जिम्मेदारी किराएदार की होती है, जैसे बल्ब बदलना, नल ठीक करना आदि।
  • बड़ी मरम्मत:
    बड़ी मरम्मत की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है, जैसे दीवार में दरार, छत की लीकेज, प्लंबिंग की बड़ी समस्या।

किराएदार के अधिकार: एग्रीमेंट समाप्त करना

किराएदार नोटिस देकर अपना एग्रीमेंट समाप्त कर सकता है। मकान मालिक को भी किराएदार को हटाने के लिए नोटिस देना होता है।

अगर मकान मालिक बिना कारण किराएदार को हटाने की कोशिश करता है, तो किराएदार को कानूनी सहायता लेनी चाहिए।

किराएदार के अधिकार: भेदभाव पर प्रतिबंध

मकान मालिक जाति, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति या खान-पान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है, तो किराएदार कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

किराएदार के अधिकार: किराएदार किराया कब रोक सकता है?

अगर मकान में कोई बड़ी समस्या है, जैसे बिजली-पानी नहीं है, छत लीक कर रही है या कोई और बड़ी समस्या है, तो किराएदार किराया रोक सकता है। लेकिन, इसके लिए उसे मकान मालिक को सूचना देनी होगी और समस्या का सबूत रखना होगा।

किराएदार के अधिकार: रेंट अथॉरिटी क्या है?

रेंट अथॉरिटी एक सरकारी संस्था है, जहां किराएदार और मकान मालिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह संस्था दोनों पक्षों के बीच विवाद सुलझाने में मदद करती है।

किराएदार के अधिकार: मॉडल टेनेंसी एक्ट 2021

मॉडल टेनेंसी एक्ट 2021 में किराएदारों को कई अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों का मकसद है कि किराएदार और मकान मालिक दोनों के बीच न्याय हो और कोई भी पक्ष दूसरे का शोषण न कर पाए।

इस एक्ट के अनुसार:

  • किराए बढ़ाने के लिए 3 महीने पहले सूचना देनी होगी
  • सिक्योरिटी डिपॉजिट सिर्फ 2 महीने का किराया होगा
  • मकान मालिक किराएदार को सिर्फ तभी हटा सकता है, जब किराएदार किराया न दे या एग्रीमेंट की शर्तें तोड़े
  • हर जिले में रेंट अथॉरिटी बनी है, जहां शिकायत दर्ज की जा सकती है

किराएदार के अधिकार: सरकारी नियमों का असर

सरकार के नए नियमों से किराएदारों को बहुत फायदा हुआ है। अब मकान मालिक किराएदार को आसानी से परेशान नहीं कर सकता, न ही मनमानी किराए वृद्धि कर सकता है। किराएदार को अपने अधिकारों का पता होने से उसे न्याय मिलता है और वह सुरक्षित महसूस करता है।

निष्कर्ष

किराएदार के अधिकारों के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है। अगर आप किराएदार हैं, तो अपने अधिकारों को जानें और उनका इस्तेमाल करें। मकान मालिक आपको परेशान नहीं कर सकता, न ही वह मनमानी किराए वृद्धि कर सकता है। अगर आपके साथ अन्याय होता है, तो रेंट अथॉरिटी या कोर्ट में शिकायत करें।

Disclaimer: किराएदार के अधिकार और सरकार के नए नियम पूरी तरह से वास्तविक हैं। ये नियम Rent Control Act और Model Tenancy Act जैसे कानूनों के तहत बनाए गए हैं और देश के लगभग सभी राज्यों में लागू हैं। इन नियमों का मकसद है कि किराएदार और मकान मालिक दोनों के बीच न्याय हो और कोई भी पक्ष दूसरे का शोषण न कर पाए। अगर आप किराएदार हैं, तो अपने अधिकारों को जानें और उनका इस्तेमाल करें। यह कोई फर्जी या गलत जानकारी नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा लागू किए गए वास्तविक कानून हैं।

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