अक्सर हमारे साथ ऐसा होता है कि जेब या पर्स में रखे-रखे नोट फट जाते हैं या खराब हो जाते हैं। कई बार दुकानदार या ऑटोवाले ऐसे कटे-फटे नोट लेने से मना कर देते हैं, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि ऐसे नोट अब बेकार हो गए हैं और उनका कोई इस्तेमाल नहीं रह गया।
लेकिन असल में, इन कटे-फटे नोटों के पीछे एक पूरी प्रक्रिया चलती है, जिससे अधिकतर लोग अनजान हैं।आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने कटे-फटे, पुराने या खराब नोटों को लेकर स्पष्ट नियम और गाइडलाइन बनाई है। इन नियमों का मकसद यह है कि आम लोगों को कोई नुकसान न हो और देश की करेंसी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे।
आइए जानते हैं कि कटे-फटे नोटों का क्या होता है, इन्हें कैसे बदला जा सकता है, और आरबीआई इन नोटों के साथ क्या करता है।
New Indian Currency Details: RBI Guidelines
जब भी कोई नोट ज्यादा फट जाता है, गीला हो जाता है या किसी वजह से चलन के लायक नहीं रहता, तो लोग उसे बैंकों में जमा कर देते हैं। बैंक ऐसे नोटों को इकट्ठा करके आरबीआई तक पहुंचाते हैं। आरबीआई इन नोटों को रिसाइकल करने के लिए मशीनों से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देता है ताकि उनका दुरुपयोग न हो सके।
पहले इन कटे-फटे नोटों को जलाया या जमीन में दबा दिया जाता था, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता था। अब आरबीआई ने पर्यावरण के लिए एक नया तरीका अपनाया है। इन नोटों के छोटे-छोटे टुकड़ों या ब्रिकेट्स (ब्लॉक) को लकड़ी के बोर्ड (पार्टिकल बोर्ड) बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इससे हर साल करीब 15,000 टन नोटों का दोबारा इस्तेमाल संभव हो रहा है, जो फर्नीचर और अन्य औद्योगिक चीजों में काम आते हैं।
नोट बदलवाने के नियम और प्रक्रिया
अगर आपके पास कटे-फटे या खराब हो चुके नोट हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप इन्हें किसी भी नजदीकी सरकारी या प्राइवेट बैंक ब्रांच में जाकर बदल सकते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंक नोट की हालत देखकर उसे ‘म्यूटिलेटेड’ (बहुत ज्यादा फटा) या ‘सॉइल्ड’ (गंदा) कैटेगरी में रखते हैं और उसी हिसाब से आपको नया नोट देते हैं।
नोट बदलवाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- नोट के दोनों सिरों के नंबर साफ-साफ दिखने चाहिए।
- नोट असली होना चाहिए, नकली नोट बैंक नहीं बदलेगा।
- अगर नोट के दो टुकड़े हैं, तो दोनों टुकड़े साथ ले जाएं।
- नोट पर टेप या स्टेपल का इस्तेमाल न करें।
एक बार में आप 20 तक कटे-फटे नोट बदल सकते हैं, लेकिन उनकी कुल कीमत 5,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर इससे ज्यादा कीमत के नोट बदलवाने हैं, तो बैंक में आपके खाते में वो राशि ट्रांसफर की जाएगी। इस प्रक्रिया में बैंक कोई चार्ज नहीं लेता, यह सेवा पूरी तरह मुफ्त है।
कौन से नोट बदले जा सकते हैं और कौन से नहीं?
अधिकतर कटे-फटे, पुराने या गंदे नोट बदले जा सकते हैं, लेकिन कुछ शर्तें होती हैं। अगर नोट का जरूरी हिस्सा और नंबर पैनल मौजूद है, तो बैंक उसे बदल देगा। अगर नोट का बहुत बड़ा हिस्सा गायब है या नोट पर कुछ लिखा है, तो बैंक उसे बदलने से मना कर सकता है।
सरकार और आरबीआई का रोल
नोट छापने का अधिकार आरबीआई के पास है, लेकिन वह सरकार की अनुमति से ही नोट छापता है। एक रुपये के नोट को छोड़कर बाकी सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के साइन होते हैं। सरकार और आरबीआई मिलकर करेंसी की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए समय-समय पर नियम बनाते हैं।
पर्यावरण के लिए नई पहल
आरबीआई अब कटे-फटे नोटों का निपटान पारंपरिक तरीकों से अलग, पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कर रहा है। इन नोटों से लकड़ी के पार्टिकल बोर्ड बनाए जाते हैं, जिससे न सिर्फ अपशिष्ट का पुनर्चक्रण होता है, बल्कि पर्यावरण पर भी बोझ कम होता है। इसके लिए आरबीआई ने बोर्ड बनाने वाली कंपनियों को भी अपने पैनल में शामिल करना शुरू कर दिया है।
निष्कर्ष
कटे-फटे नोट अब बेकार नहीं हैं। आरबीआई इन नोटों को रिसाइकल करके न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा कर रहा है, बल्कि आम लोगों को भी बिना किसी परेशानी के नोट बदलने की सुविधा दे रहा है। अगर आपके पास भी ऐसे नोट हैं, तो नजदीकी बैंक में जाकर उन्हें आसानी से बदल सकते हैं और नया नोट पा सकते हैं।