आजकल भारत के लोगों में हाई स्पीड और आरामदायक यात्रा का सपना तेजी से बढ़ रहा है। इस सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम अब बिहार के लिए भी उठाया गया है। बहुत जल्द बिहार के लोगों को बुलेट ट्रेन में सफर करने का मौका मिलेगा, जो दिल्ली से पटना और फिर हावड़ा तक चलेगी।
यह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट देश के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में शामिल है, जिसकी उम्मीद में सिर्फ बिहार ही नहीं, पूर्वी भारत के कई शहर शामिल हैं। हाई-स्पीड रेल के आने से ट्रेवल टाइम बहुत कम हो जाएगा, जिससे आम लोगों, विद्यार्थियों तथा बिजनेस क्लास को काफी आराम मिलेगा।
दिल्ली से पटना और फिर हावड़ा: बुलेट ट्रेन का नया सफर
सरकार की तरफ से शुरू हो रही यह बुलेट ट्रेन हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत लाई जा रही है। यह हाई स्पीड ट्रेन दिल्ली से चलकर आगरा, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी होकर पटना और आगे हावड़ा तक जाएगी। ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जिससे सफर काफी तेज और सुविधाजनक हो जाएगा।
इस ट्रेन में कुल नौ स्टेशन होंगे। दिल्ली, आगरा कैंट, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, पटना, आसनसोल और हावड़ा इसके प्रमुख स्टॉपेज होंगे। पटना, गया, बक्सर, आरा व जहानाबाद के क्षेत्रीय लोग इसका सीधा लाभ ले पाएंगे।
सफर होगा बेहद आसान और तेज
अभी दिल्ली से पटना तक का सफर करने में साधारण ट्रेन से 13 से 17 घंटे लग जाते हैं। नई बुलेट ट्रेन के आने के बाद यही सफर सिर्फ 3 से 4 घंटे में पूरा हो जाएगा। पटना से हावड़ा की दूरी लगभग 578 किलोमीटर है, जिसे बुलेट ट्रेन से केवल 2 घंटे में तय किया जा सकेगा। दिल्ली से हावड़ा के बीच कुल दूरी लगभग 1,669 किलोमीटर होगी, और यह सफर सिर्फ साढ़े 6 घंटे में पूरा किया जा सकता है।
प्रोजेक्ट का प्लान और निर्माण
इस बुलेट ट्रेन योजना के तहत बिहार के करीब पांच जिलों से एलिवेटेड ट्रैक गुजरेगा जिससे आम लोगों की रोजमर्रा की आवाजाही पर असर न पड़े। पटना में 58 गांव इससे प्रभावित होंगे, जिनमें जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। रेलवे ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र में दो गुना मुआवजा देगी। इससे स्थानीय लोगों को अच्छा फायदा मिलेगा।
प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत लगभग 5 लाख करोड़ रुपये है। प्रोजेक्ट दो फेज में बनेगा: पहला दिल्ली से वाराणसी तक और दूसरा वाराणसी से हावड़ा तक। पटना में लगभग 60 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा जिससे ट्रेन की स्पीड और सुरक्षा दोनों में सुधार रहेगा।
तकनीकी फीचर्स और यात्री सुविधाएं
इस ट्रेन में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रेन के कोच डबल-स्किन एल्यूमीनियम से बने होंगे, जिससे ट्रेन मजबूत और हल्की रहेगी। शोर में कमी लाने के लिए स्पेशल डिजाइन केबिन होंगे। यात्रियों के लिए एर्गोनॉमिक सीटें, ऑटोमैटिक दरवाजे, CCTV, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, आधुनिक टॉयलेट और शानदार डाइनिंग सेवाओं की व्यवस्था होगी। सुरक्षा के लिए आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम, भूकंप डिटेक्शन सिस्टम आदि तकनीकी फीचर्स जोड़े जाएंगे।
सरकार की भूमिका और स्कीम
यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत बनाया जा रहा है। सरकार की ओर से जमीन अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और निर्माण की मॉनिटरिंग की जा रही है। हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर देश में आधुनिक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर लाने का एक बड़ा उदाहरण है।
स्थानीय लोगों को क्या मिलेगा फायदा?
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से बिहार के लोगों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब दिल्ली, वाराणसी, लखनऊ जैसे बड़े शहरों तक पहुंचना बहुत आसान और तेज होगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के मौके भी मिलेंगे और व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। खेती, बिजनेस, शिक्षा या मेडिकल के क्षेत्र में जो लोग समय की कमी से जूझते थे, उनके लिए यह ट्रेन किसी वरदान से कम नहीं होगी।
निष्कर्ष
बिहार के लिए बुलेट ट्रेन एक बड़ा बदलाव लेकर आने वाली है। सफर का समय कम होने के साथ-साथ यात्री सुख-सुविधाएं और आधुनिक ट्रेन टेक्नोलॉजी का अनुभव पहली बार बिहार के लोग ले पाएंगे। यह योजना राज्य की विकास यात्रा में एक मजबूत कदम साबित होगी।