दिल्ली में महिलाओं को बसों में फ्री यात्रा की सुविधा सरकारी योजना के तहत मिलती थी। इस सेवा ने कई महिलाओं को रोज़मर्रा के सफर में बड़ी राहत दी और उनके खर्चे को कम किया। खासकर कामकाजी महिलाएं, छात्राएं और घरेलू महिलाएं इस स्कीम का रोज़ लाभ उठा रही थीं।
पिछले कुछ सालों में दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए फ्री बस सर्विस शुरू की थी। इसका मकसद महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए और अधिक आत्मनिर्भर बनाना था। इस स्कीम से महिलाओं को अपने काम, पढ़ाई और इलाज के लिए आसानी से सफर करने का मौका मिला। अब इसमें सरकार ने नया बदलाव किया है, जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं को चिंता हो गई है।
दिल्ली की Free Bus सेवा में आया बड़ा बदलाव
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की फ्री बस सेवा में नए नियम लागू किए हैं। अब यह सुविधा हर महिला को नहीं मिलेगी। सबसे अहम बात यह है कि अब सिर्फ दिल्ली की निवासी महिलाएं ही इस फ्री सेवा का लाभ उठा सकेंगी। दिल्ली के बाहर की महिलाओं को यह सुविधा नहीं मिलेगी, चाहे वे काम के लिए या पढ़ाई के लिए ही क्यों न दिल्ली आई हों।
अब पुराने नियम की जगह ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ सिस्टम लागू किया गया है। इससे पहले, महिलाएं बस में चढ़कर सीधे पिंक टिकट ले सकती थीं और मुफ्त सफर कर सकती थीं। अब आपको स्मार्ट कार्ड के लिए आवेदन करना जरूरी है। सिर्फ उन्हीं महिलाओं को स्मार्ट कार्ड मिलेगा जिनके पास दिल्ली का स्थायी पता या निवास प्रमाण पत्र (जैसे दिल्ली का वोटर आईडी, राशन कार्ड या बिजली बिल) है।
ये कार्ड सिर्फ दिल्ली की महिला नागरिकों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए बनाए जाएंगे। उम्र 12 साल से ज्यादा होना जरूरी है। इसके बाद ही स्मार्ट कार्ड बन पाएगा, जिसका इस्तेमाल मुफ्त बस यात्रा के लिए किया जा सकता है।
सरकार की ओर से योजना की पूरी जानकारी
यह फ्री बस सेवा दिल्ली सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे 2019 में शुरू किया गया था। इसका मकसद महिलाओं को बसों में यात्रा के लिए फ्री टिकट देना था, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं अपने गंतव्य तक बिना पैसे के पहुंच सकें।
पहले किसी भी राज्य की महिला दिल्ली में आकर बस में फ्री सफर कर सकती थी। लेकिन अब बीजपी सरकार के नए फैसले के तहत यह सुविधा सीमित कर दी गई है। दिल्ली में रहने वाली जितनी भी महिलाएं हैं, उन्हें अब नए सिस्टम के तहत सहेली स्मार्ट कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। बिना इस कार्ड के फ्री यात्रा संभव नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन के समय आवेदिका को अपना दिल्ली वाला पते का प्रमाण देना जरूरी है।
इस बदलाव के बाद अब बड़ी संख्या में छात्राएं और अन्य महिलाएं, जो दूसरे राज्य से दिल्ली आती हैं, उन्हें नियम के अनुसार फ्री बस की सुविधा नहीं मिलेगी। खासतौर पर घरेलू कामगार, गांव से आने वाली महिलाएं, इलाज करवाने आ रहीं महिलाएं, अब अपनी पहचान और दिल्ली निवास प्रमाण दिखाए बिना फ्री टिकट नहीं ले सकेंगी।
समय के साथ सरकार ने टिकट सिस्टम को डिजिटल करने की तैयारी भी की है ताकि किसी तरह का भ्रष्टाचार या गलत फायदा न उठाया जाए। डिजिटल कार्ड के आने से सफर आसान और पारदर्शी हो जाएगा।
नई सेवा के लिए आवेदन प्रक्रिया
दिल्ली की निवासी महिलाएं ही इस सेवा का लाभ उठा पाएंगी, इसके लिए उन्हें कुछ डॉक्युमेंट्स देने होंगे। आवेदन के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, पता प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो और जरूरी केवाईसी दस्तावेज जमा करने होंगे।
आवेदन के बाद जांच के बाद स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। एक बार कार्ड मिलने के बाद महिलाएं सार्वजनिक बसों में बिना टिकट के यात्रा कर सकेंगी। पिंक टिकट का सिस्टम धीरे-धीरे बंद कर दिया जाएगा और स्मार्ट कार्ड ही मान्य होगा।
बदलाव से किन महिलाओं पर असर
नए नियमों के मुताबिक अब दिल्ली के बाहर से आई महिलाएं या टूरिस्ट इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे। उनकी बस यात्रा अब फ्री नहीं रहेगी। इस वजह से हजारों ऐसी महिलाओं को अब जेब से किराया देना पड़ेगा जो अब तक फ्री सेवा का फायदा उठा रही थीं। खासतौर पर बिहार, यूपी, हरियाणा जैसे राज्य से लंबे सफर या काम के लिए दिल्ली आती महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।
निष्कर्ष
दिल्ली की फ्री बस सेवा में यह बदलाव सरकार ने पारदर्शिता, स्थानीय महिलाओं को लाभ और सिस्टम को डिजिटल बनाने के लिए किया है। अब सिर्फ दिल्ली की महिलाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति ही इसका फायदा उठा पाएंगे। बाहर से आने वाली महिलाओं और छात्राओं को अब बस यात्रा पर किराया देना पड़ेगा। सरकार की कोशिश है कि यह सुविधा सही लोगों तक पहुंचे, लेकिन इससे बहुत सी महिलाओं को अब चुनौती का सामना करना पड़ेगा।