कर्मचारियों की पहचान अब ID Card के रंग से होगी, सरकार ने जारी किया नया नियम

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Employee ID Card Color Rule

सरकार ने हाल ही में एक नया नियम लागू किया है जिससे कर्मचारियों की पहचान अब उनके ID कार्ड के रंग से की जाएगी। इस नियम का मकसद अलग-अलग स्तर के कर्मचारियों को आसानी से पहचानना और उनकी सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक काम को बेहतर बनाना है। पहले कर्मचारी पहचान पत्र का रंग एक जैसा होता था, जिससे कौन किस विभाग का है या अधिकारी है, यह तुरंत पता नहीं चल पाता था।

अब नए नियम के बाद हर वर्ग के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग रंग के ID कार्ड जारी किए जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि जिस भी संस्था में या सरकारी विभाग में यह रंग गेम लागू होगा, वहां हर किसी की पहचान तय करना काफी आसान होगा। इससे समय भी बचेगा और अनाधिकृत लोगों की एंट्री को रोका जा सकेगा।

सरकार की यह योजना सबसे पहले केंद्रीय सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू की जा रही है। भविष्य में राज्य सरकारें और निजी कंपनियां भी इस नियम को अपना सकती हैं। इसकी वजह से सुरक्षा में भी थोड़ी और मजबूती मिलेगी और काम करने के ढंग में पारदर्शिता भी आएगी।

कर्मचारियों की पहचान में रंगीन ID कार्ड का महत्व

नए नियम के मुताबिक अब हर विभाग में काम करने वाले लोगों को उनकी पोस्ट या रोल के हिसाब से अलग रंग का ID कार्ड दिया जाएगा।

उदाहरण के लिए, मुख्य अधिकारी या उच्च अधिकारी को कोई एक रंग का ID कार्ड मिलेगा, वहीं साधारण कर्मचारी जैसे क्लर्क, सपोर्टिंग स्टाफ आदि को दूसरे रंग का ID कार्ड मिलेगा। इसी तरह कनिष्ठ कर्मचारी, सफाईकर्मी आदि को अलग रंग का कार्ड दिया जाएगा।

इस प्रक्रिया से यह तुरंत पता चल जाता है कि सामने वाला व्यक्ति किस स्तर का कर्मचारी है। जरूरत के अनुसार हर कर्मचारी की जिम्मेदारी और ड्यूटी भी जल्दी पता लग जाएगी। जब कोई उच्च अधिकारी या विशिष्ट शख्स कार्यालय के भीतर प्रवेश करता है तो उसके ID कार्ड के रंग से सुरक्षाकर्मी और अन्य कर्मचारी तुरंत पहचान सकते हैं।

इस कदम से ना केवल सुरक्षा को मजबूती मिलेगी बल्कि विभागों की कार्यप्रणाली में भी स्पष्टता आ जाएगी। कर्मचारियों के लिए भी अपनी पहचान बताना आसान हो जाएगा। सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन अगर चाहें तो संदिग्ध या अनाधिकृत लोगों की तुरंत पहचान कर सकते हैं।

किस योजना के तहत लागू हुआ है यह नियम

यह नियम केंद्र सरकार की ‘कर्मचारी पहचान सुरक्षा योजना’ के तहत लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर कर्मचारियों की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाना है। शुरुआत में यह योजना केंद्रीय मंत्रालयों, रेलवे, एयरपोर्ट, सरकारी अस्पताल और सार्वजनिक उपक्रमों में लागू हुई है।

योजना के तहत न केवल रंगीन ID कार्ड दिए जाएंगे, बल्कि उनकी डिजाइन और सिक्योरिटी फीचर भी बेहतर होंगे। हर ID कार्ड में कर्मचारियों की तस्वीर, नाम, पद, विभाग, यूनिक कोड, और बारकोड जैसी आधुनिक चीजें रहेंगी। इससे प्रबंधन और निगरानी में भी आसानी होगी।

सरकार ने यह फैसला विभिन्न विभागों में हुई सुरक्षा चूक की घटनाओं को देखते हुए लिया है। कई बार देखा गया है कि कोई बाहरी व्यक्ति जैसा दिखने वाला इंसान बिना अनुमति कार्यालयों में घुस जाता है। रंगीन ID कार्ड से ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी।

रंग के हिसाब से पहचान – कैसे मिलेगी सहूलियत

रंग के हिसाब से ID कार्ड मिलने के बाद न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि विभाग स्तर पर कार्य आसान होगा। जब भी कोई कर्मचारी किसी और विभाग या उच्च पदाधिकारी के पास जाएगा, तो कार्ड के रंग देखकर ही स्थिति साफ हो जाएगी।

वर्कप्लेस पर, खासकर बड़े दफ्तरों और अस्पतालों में इसका तुरंत असर दिखेगा। यहां अजनबी व्यक्ति की पहचान भी कार्ड के रंग से हो जाएगी। इससे समय की बचत और सुरक्षा दोनों साथ-साथ होंगी। प्रशासन आसानी से किसी घटना या गड़बड़ी की जांच भी तेजी से कर सकेगा।

भविष्य में अन्य कई संस्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, निजी कंपनियां आदि भी इसी नियम को अपना सकती हैं। इससे हर संस्था में अनुशासन और पारदर्शिता बनी रहेगी।

निष्कर्ष

सरकार का यह नया नियम कर्मचारियों की पहचान आसान और सुरक्षित बनाने के लिए लाया गया है। रंगीन ID कार्ड की वजह से हर विभाग में काम ज्यादा व्यवस्थित, पारदर्शी और सुरक्षित हो सकेगा। सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक प्रक्रिया भी अब अधिक मजबूत हो जाएगी।

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