मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के साथ हाल ही में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। रतलाम जिले में जब सीएम के काफिले की गाड़ियां पेट्रोल पंप से डीजल भरवाकर आगे बढ़ीं, तो एक-एक कर 19 गाड़ियां रास्ते में बंद हो गईं। जांच में सामने आया कि इन गाड़ियों में शुद्ध डीजल की बजाय पानी मिला हुआ डीजल डाला गया था।
इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुँचकर जांच शुरू की और पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया। इस घटना ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि ईंधन की गुणवत्ता पर भी गंभीर चिंता जताई गई।
Why was MP petrol pump sealed?
26 जून 2025 की रात, रतलाम के दोसीगांव स्थित भारत पेट्रोलियम के ‘शक्ति फ्यूल्स’ पेट्रोल पंप पर सीएम मोहन यादव के काफिले की 19 गाड़ियों में डीजल भरा गया। कुछ ही दूरी तय करने के बाद सभी गाड़ियां एक-एक कर बंद होने लगीं। जब गाड़ियों के डीजल टैंक खोले गए, तो उसमें आधा डीजल और आधा पानी निकला।
जांच में पता चला कि डीजल टैंक में बारिश का पानी मिल गया था, जिससे डीजल पूरी तरह मिलावटी हो गया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पेट्रोल पंप से 5,995 लीटर पेट्रोल और 10,657 लीटर डीजल जब्त किया और पंप को सील कर दिया गया।
घटना का असर
- सभी गाड़ियों को धक्का देकर सड़क किनारे ले जाना पड़ा।
- प्रशासन ने तुरंत दूसरी गाड़ियों का इंतजाम किया।
- काफिले के अलावा, एक ट्रक में भी 200 लीटर डीजल में आधा पानी पाया गया।
- घटना के बाद पूरे राज्य में पेट्रोल पंपों की जांच का आदेश दिया गया।
घटना
बिंदु | जानकारी |
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घटना की तारीख | 26 जून 2025 |
स्थान | दोसीगांव, रतलाम, मध्य प्रदेश |
पेट्रोल पंप का नाम | शक्ति फ्यूल्स (भारत पेट्रोलियम) |
प्रभावित वाहन | 19 (मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ियां) |
समस्या | डीजल में पानी की मिलावट (लगभग आधा-आधा) |
जब्त ईंधन | 5,995 लीटर पेट्रोल, 10,657 लीटर डीजल |
कार्रवाई | पेट्रोल पंप सील, एफआईआर दर्ज |
जांच के आदेश | राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर सख्त जांच |
मुख्य कारण | डीजल टैंक में बारिश का पानी मिलना |
जिम्मेदार अधिकारी | खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, जिला प्रशासन |
कैसे हुआ खुलासा?
- गाड़ियों के अचानक बंद होने पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- सभी गाड़ियों के टैंक खोलकर डीजल निकाला गया, जिसमें पानी मिला हुआ था।
- पेट्रोल पंप पर मौजूद अन्य ट्रक ड्राइवरों ने भी मिलावटी डीजल की शिकायत की।
- अधिकारियों ने तुरंत पेट्रोल पंप को सील कर दिया और सैंपल लिए गए।
प्रशासन की कार्रवाई
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने पेट्रोल पंप से डीजल और पेट्रोल के सैंपल लिए।
- पंप संचालक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3(7) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
- राज्य के सभी पेट्रोल पंपों पर व्यापक जांच अभियान शुरू किया गया।
- तेल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया और विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।
राज्य सरकार के निर्देश
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने सभी पेट्रोल और डीजल पंपों की गहन जांच के आदेश दिए।
- हर जिले में संयुक्त निरीक्षण टीम बनाई गई है।
- उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए पेट्रोल पंपों पर टायर में हवा, पीने का पानी और शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य की गई है।
डीजल में पानी मिलने के नुकसान
- वाहन अचानक बंद हो जाते हैं।
- इंजन को गंभीर नुकसान हो सकता है।
- सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है, खासकर वीआईपी मूवमेंट के दौरान।
- ईंधन की गुणवत्ता पर भरोसा कम होता है।
इस घटना से जुड़े मुख्य तथ्य
- 19 इनोवा गाड़ियां प्रभावित हुईं।
- सभी गाड़ियों में लगभग 20 लीटर डीजल डाला गया था, जिसमें से 10 लीटर पानी निकला।
- एक ट्रक में 200 लीटर डीजल में भी आधा पानी मिला।
- घटना रात करीब 10 बजे की है।
- बारिश के कारण टैंक में पानी घुसने की आशंका जताई गई।
प्रशासन की अगली रणनीति
- पेट्रोल पंपों की नियमित और आकस्मिक जांच।
- जांच रिपोर्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड की जाएगी।
- दोषी पंप संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाएगा कि वे ईंधन की गुणवत्ता की जांच करवाएं।
घटना से क्या सबक मिला?
- ईंधन की गुणवत्ता की जांच बेहद जरूरी है।
- बारिश के मौसम में पेट्रोल पंपों पर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
- प्रशासन को पेट्रोल पंपों की समय-समय पर जांच करनी चाहिए।
- उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी गड़बड़ी की तुरंत शिकायत करनी चाहिए।
महत्वपूर्ण बिंदु
- सीएम मोहन यादव के काफिले की 19 गाड़ियां बंद हुईं।
- डीजल में आधा पानी मिला।
- पेट्रोल पंप सील कर दिया गया।
- राज्य भर में पेट्रोल पंपों की जांच शुरू।
- एफआईआर दर्ज, दोषियों पर कार्रवाई।
- बारिश के कारण पानी डीजल टैंक में मिला।
- पेट्रोल पंप से 10,657 लीटर डीजल जब्त।
- घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप।
Disclaimer: यह घटना कोई योजना या स्कीम नहीं है, बल्कि एक वास्तविक और गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का मामला है। सोशल मीडिया पर “डीजल की जगह पानी” जैसी खबरें वायरल होने के बाद कई लोग इसे मजाक या अफवाह भी मान रहे हैं, लेकिन यह घटना पूरी तरह सच है और प्रशासन द्वारा इसकी पुष्टि की गई है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों पर सख्त जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।