Property Ownership Documents: 7 दिन में करा लें जांच – वरना बुलडोजर की मार से बचना मुश्किल

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Property Ownership Documents

आजकल भारत में प्रॉपर्टी खरीदना हर किसी का सपना है, लेकिन कई बार लोग जरूरी कागजातों की सही जांच किए बिना ही प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि भविष्य में उन्हें कानूनी विवादों, जेल जाने या कभी-कभी बुलडोजर चलने जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या सेल डीड होना ही मालिकाना हक की गारंटी नहीं है, जब तक बाकी जरूरी दस्तावेज सही और वैध न हों।

अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ कीमत, लोकेशन या बिल्डर के नाम पर भरोसा न करें। आपको सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सभी जरूरी कागजात हैं और उनकी जांच किसी कानूनी जानकार या वकील से करा ली गई है। इससे न सिर्फ आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी कानूनी कार्रवाई या विवाद से भी बचाव होगा।

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1. टाइटल डीड

टाइटल डीड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिससे यह साबित होता है कि जिस व्यक्ति से आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, वह उसका असली और वैध मालिक है। इसमें प्रॉपर्टी के पिछले मालिकों की जानकारी, विवाद या बकाया लोन जैसी बातें दर्ज होती हैं। बिना टाइटल डीड जांचे प्रॉपर्टी खरीदना कानूनी जोखिम है।

2. सेल डीड

सेल डीड वह कागज है, जो प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर करता है। यह दस्तावेज रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्टर्ड होना चाहिए। बिना रजिस्टर्ड सेल डीड के प्रॉपर्टी का मालिकाना हक वैध नहीं माना जाता।

3. एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट

एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी पर कोई कर्ज, बकाया, कानूनी दावा या विवाद नहीं है। इससे यह भी पता चलता है कि प्रॉपर्टी पर पिछले 12-30 सालों में कोई ट्रांजैक्शन या लोन तो नहीं लिया गया है।

4. लेआउट प्लान और बिल्डिंग प्लान अप्रूवल

लेआउट प्लान और बिल्डिंग प्लान अप्रूवल से यह पता चलता है कि प्रॉपर्टी का नक्शा और निर्माण स्थानीय अथॉरिटी से पास है या नहीं। बिना अप्रूवल के बने घर या फ्लैट पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है या उसे अवैध घोषित किया जा सकता है।

5. एनओसी

एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी पर किसी भी अथॉरिटी, बैंक, सोसाइटी या नगर निगम की कोई आपत्ति नहीं है। बिना एनओसी के प्रॉपर्टी खरीदना भविष्य में विवादों को जन्म दे सकता है।

प्रॉपर्टी ओनरशिप डॉक्युमेंट्स

दस्तावेज का नाममहत्व / जानकारी
टाइटल डीडअसली मालिकाना हक और प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति
सेल डीडमालिकाना हक ट्रांसफर का आधिकारिक प्रमाण
एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेटकर्ज, लोन या कानूनी दावे से मुक्त प्रमाण
लेआउट प्लान अप्रूवलनक्शा और निर्माण की वैधता का प्रमाण
एनओसीसभी अथॉरिटीज की आपत्ति न होने का प्रमाण
म्युटेशन सर्टिफिकेटसरकारी रिकॉर्ड में मालिकाना हक ट्रांसफर का प्रमाण
प्रॉपर्टी टैक्स रिसीप्टटैक्स बकाया न होने का प्रमाण
पोजेशन लेटरप्रॉपर्टी का कब्जा मिलने का प्रमाण

प्रॉपर्टी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

  • हर दस्तावेज की जांच किसी वकील या एक्सपर्ट से जरूर कराएं।
  • ओरिजिनल कागजात ही लें, फोटोकॉपी या स्कैन पर भरोसा न करें।
  • प्रॉपर्टी पर कोई लोन, विवाद या बकाया न हो, इसका प्रमाण जरूर लें।
  • प्रॉपर्टी का नक्शा और निर्माण स्थानीय अथॉरिटी से पास है या नहीं, यह जांचें।
  • प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-पानी बिल आदि बकाया न हो, इसकी रसीद लें।
  • अगर प्रॉपर्टी सोसाइटी या बिल्डर से ले रहे हैं, तो उनकी एनओसी जरूर लें।

जरूरी दस्तावेज न जांचने पर क्या हो सकता है?

  • कानूनी विवाद: गलत या फर्जी दस्तावेज पर खरीदी गई प्रॉपर्टी पर कोर्ट केस हो सकता है।
  • जेल या जुर्माना: अवैध प्रॉपर्टी खरीदने पर जेल या भारी जुर्माना लग सकता है।
  • बुलडोजर की कार्रवाई: बिना अप्रूवल या एनओसी के बने घर या फ्लैट पर नगर निगम बुलडोजर चला सकता है।
  • मालिकाना हक छिन सकता है: अगर असली मालिक सामने आ गया तो प्रॉपर्टी हाथ से जा सकती है।
  • बैंक लोन नहीं मिलेगा: अधूरे या गलत कागजों पर बैंक लोन देने से मना कर सकता है।

प्रॉपर्टी ओनरशिप प्रूफ के अन्य जरूरी डॉक्युमेंट्स

  • म्युटेशन सर्टिफिकेट (Mutation Certificate): सरकारी रिकॉर्ड में मालिकाना हक ट्रांसफर का प्रमाण।
  • प्रॉपर्टी टैक्स रिसीप्ट: टैक्स बकाया न होने का प्रमाण।
  • पोजेशन लेटर: प्रॉपर्टी का कब्जा मिलने का प्रमाण।
  • बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट: निर्माण पूरा होने का प्रमाण।
  • खाता सर्टिफिकेट: स्थानीय निकाय में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन।

निष्कर्ष

अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी सुरक्षित रहे और भविष्य में कोई कानूनी दिक्कत न आए, तो ऊपर बताए गए 5 जरूरी कागजात की पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें। किसी भी दस्तावेज में शक हो तो तुरंत एक्सपर्ट या वकील से सलाह लें। याद रखें, एक छोटी सी लापरवाही आपको जेल या बुलडोजर जैसी बड़ी परेशानी में डाल सकती है।

Disclaimer: यह जानकारी जागरूकता के लिए है। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच किसी कानूनी सलाहकार या वकील से जरूर कराएं। बिना जांचे प्रॉपर्टी खरीदना आपके लिए कानूनी और आर्थिक जोखिम बन सकता है। यहां बताई गई जानकारी पूरी तरह सही है और सरकारी नियमों के अनुसार जरूरी दस्तावेजों पर आधारित है, लेकिन किसी भी योजना या ऑफर की सच्चाई की पुष्टि खुद करें।

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