देशभर में सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए समय-समय पर नई योजनाएँ लाई जाती रही हैं, ताकि हर भारतीय परिवार को पर्याप्त और पोषक भोजन मिल सके। अब सरकार ने एक और बड़ी पहल करते हुए राशन कार्ड धारकों के लिए एक नई और महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत अब अनाज के साथ-साथ दूध और घी भी मुफ्त दिया जाएगा, ताकि लोगों को बेहतर पोषण मिल सके और उनका स्वास्थ्य सुधरे।
खाद्य मंत्री द्वारा हाल ही में की गई इस घोषणा का उद्देश्य जरूरतमंदों को संतुलित और पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराना है। पहले जहां केवल गेहूं या चावल तक ही राशन सीमित था, वहीं अब इस नई व्यवस्था में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए प्रोटीन, कैल्शियम तथा अन्य पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री भी राशन में जोड़ी गई है। इससे सामाजिक एवं स्वास्थ्य स्तर पर काफी सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
अब राशन कार्ड पर मुफ्त मिलेगा दूध और घी: जानिए पूरी योजना
सरकार की इस नई पहल का नाम राशन कार्ड पोषण योजना 2025 रखा गया है। यह योजना केंद्र सरकार के मुख्य खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत चलाई जा रही है। योजना की विशेषता यह है कि अब सिर्फ गेहूं, चावल, दाल, चीनी, नमक और तेल ही नहीं, बल्कि दूध और घी जैसी पोषक सामग्री भी हर पात्र राशन कार्डधारी परिवार को उपलब्ध करवाई जाएगी।
योजना की शुरुआत सबसे पहले मध्य प्रदेश में कुछ जिलों के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई, जिसमें इंदौर, उज्जैन, सागर प्रमुख हैं। सरकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से इस योजना को पूरे राज्य और फिर पूरे देश में लागू करना है।
इस योजना के अंतर्गत राशन कार्ड धारकों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- अनाज के साथ दूध, घी, दाल, मोटे अनाज (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी), खाद्य तेल (मूंगफली, सरसो, सोया), तथा अन्य पोषक व जैविक सामग्री।
- दूध, घी के अलावा पनीर, दही और अन्य डेयरी उत्पाद भी कुछ जगहों पर शामिल किए जाएंगे, जिससे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अतिरिक्त कैल्शियम तथा प्रोटीन मिलेगा।
- योजना से सबसे ज़्यादा फ़ायदा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और बीपीएल/अंत्योदय कार्डधारियों को मिलने वाला है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य केवल भूख मिटाना नहीं, बल्कि समग्र पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। अब तक की पारंपरिक राशन प्रणाली में ज्यादातर केवल गेहूं और चावल सीमित मात्रा में मिलते थे, जिससे कुपोषण की समस्या बनी रहती थी। लेकिन इस नई योजना के बाद प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, वाइटामिन तथा मिनरल्स की पूर्ति सरकार के प्रयास से होगी, जिससे कुपोषण व कमजोरी जैसी शिकायतें काफी हद तक दूर हो सकेंगी।
सरकार का दावा है कि देश की लगभग 80-90 करोड़ आबादी तक यह फायदा पहुंचेगा, जिसमें शहरी, ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के गरीब परिवार भी शामिल होंगे। हर पात्र परिवार के खाते में अब हर महीने ₹1000 की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी ट्रांसफर की जा रही है, जिससे वे बच्चों की ज़रूरत, दवाइयों और अन्य आवश्यक खर्च पूरे कर सकेंगे।
पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का सीधा लाभ वही परिवार ले सकेंगे, जिनके पास सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राशन कार्ड है। योजना में मुख्य रूप से एएवाई (अंत्योदय अन्न योजना), बीपीएल, पीएचएच और कुछ राज्यों में एपीएल राशन कार्ड भी शामिल किए गए हैं।
सभी पात्र परिवारों को निम्नलिखित शर्तों का पालन करना होगा:
- परिवार के नाम राशन कार्ड होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट सीमा के भीतर होनी चाहिए।
- झूठी सूचना देने या फर्जी दस्तावेज देने पर लाभ रद्द किया जा सकता है।
- जिन परिवारों ने पहले ही कार्ड बनवा रखा है, उन्हें नया आवेदन करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिनका नाम नहीं जुड़ा या नया कार्ड बनवाना है, वे नजदीकी राशन दुकान या सरकारी पोर्टल से आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया सरल और डिजिटलीकृत कर दी गई है। अब नाम जोड़ना, पता बदलना, अथवा संशोधन जैसी सेवाएँ भी पूरी तरह ऑनलाइन या मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध हैं, जिससे लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
योजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस नई नीति के लागू होने से देश में गरीबी और कुपोषण की दर में तेजी से कमी आने की उम्मीद है। बच्चों और महिलाओं को अधिक पोषक आहार मिलेगा, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होगा।
कई राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड नीति के तहत लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से से अपनी सस्ती और पोषक खाद्य सामग्री ले सकेंगे। इस स्कीम का फायदा प्रवासी मजदूरों तक पहुंचेगा, जो घर से दूर रहते हैं।
दूसरी ओर, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने घर की मुखिया महिलाओं को राशन कार्ड के मुख्य सदस्य के रूप में प्राथमिकता दी है, और महिलाओं को राशन दुकानों की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है, जिससे वह आत्मनिर्भर बनेंगी। किसानों के लिए भी अच्छी क्वालिटी के बीज मुफ्त में दिए जा रहे हैं, और गैस सिलेंडर जैसी जरूरी चीजें भी साल में 6-8 बार सब्सिडी में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
योजना का विस्तार और रणनीति
सरकार ने जिन जिलों से योजना की शुरुआत की है, वहाँ के अनुभव और फीडबैक के आधार पर आने वाले महीनों में राज्यभर और फिर देशभर में इसे लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य पूरे भारत में पोषण सुरक्षा सुनश्चित करना है।
डिजिटल प्रणाली लागू करके सरकार ने पारदर्शिता बढ़ाई है, जिससे फर्जी लाभार्थियों को बाहर रखते हुए सही जरूरतमंदों तक मदद पहुँचे। मोबाइल नंबर या आधार से लाभ की स्थिति चेक की जा सकती है।
निष्कर्ष
राशन कार्ड पोषण योजना 2025 सरकार की तरफ से गरीब और कमजोर वर्ग के लिए एक बड़ा और बहुप्रभावी कदम है। इस योजना से अब सिर्फ पेट नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पोषण दोनों संबंधी समस्याओं का समाधान मिल रहा है। आने वाले समय में इस योजना के प्रभाव से देश में कुपोषण व गरीबी की चुनौती काफी हद तक सुलझ सकेगी, और एक स्वस्थ व सक्षम समाज की नींव रखी जा सकेगी।