आज के समय में बहुत सारे सरकारी विभागों और संस्थानों में अनुभवी कर्मचारियों की जरूरत रहती है। इसी वजह से सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी किया है जिससे रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों को फिर से नौकरी का मौका मिलेगा। यह फैसला न सिर्फ रिटायर्ड लोगों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि उन विभागों के लिए भी फायदेमंद रहेगा जहां अनुभवी व्यक्तियों की कमी महसूस हो रही थी।
अक्सर देखा गया है कि जब कर्मचारी रिटायर हो जाते हैं, तो उनके पास सालों का अनुभव और काम करने की आदत होती है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद वो घर बैठ जाते हैं। अब सरकार ने उनकी काबिलियत का सही उपयोग करने के लिए नई नीति बनाई है। इस नीति के जरिए अब योग्य और अनुभवी रिटायर्ड लोगों को फिर से नौकरी पर रखा जाएगा, जिससे न सिर्फ उनका जीवन सक्रिय रहेगा, बल्कि समाज और सरकारी तंत्र को भी फायदा होगा।
नई नीति लाने का एक मुख्य कारण है कि कई सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भारी कमी है। विशेष रूप से रेलवे, बैंकिंग, शिक्षा, हेल्थ, टेक्निकल और प्रशासनिक विभागों में यह दिक्कत ज्यादा देखने को मिली है। इसलिए अब केंद्र और राज्य दोनों ही स्तर पर रिटायर्ड कर्मचारियों को फिर से नौकरी देने के लिए औपचारिक आदेश जारी किए गए हैं।
सरकारी आदेश और इसके फायदे
सरकार द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार, कई विभागों को अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को उनकी योग्यता, अनुभव और जरूरत के अनुसार फिर से नियुक्ति करने का अधिकार दिया गया है। इस नीति का उद्देश्य है पुराने अनुभवी लोगों से फिर से कार्य लेना, ताकि काम में स्थायित्व और गुणवत्ता बनी रहे।
अधिकांश नियुक्तियां संविदा यानी Contract Basis पर होंगी। यानी रिटायर्ड कर्मचारी को एक निश्चित अवधि के लिए नौकरी दी जाएगी, जो आमतौर पर 1 से 2 साल की होती है। जरूरत पड़ने पर यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। ज्यादा रिक्तियां रेलवे, बैंकिंग, तकनीकी, स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में निकल रही हैं। उदाहरण के तौर पर भारतीय रेलवे ने हाल ही में बड़े पैमाने पर रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए भर्ती का नोटिफिकेशन निकाला है। इसमें Pay Level 1 से लेकर Level 9 तक के पदों पर नियुक्ति का मौका दिया गया है।
उसी तरह, बैंक जैसे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि में भी रिटायर्ड अधिकारियों को काउंसलर, सुपरवाइजर और सलाहकार के पदों पर फिर से रखा जा रहा है। यहां अनुभव और योग्यता की बड़ी कद्र की जाती है। आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों हो सकती है, जो विभाग द्वारा तय की जाती है।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
रिटायर्ड कर्मचारियों को फिर से सरकारी नौकरी में आने के लिए कुछ प्रमुख योग्यताओं का ध्यान रखना होगा।
- सबसे पहले संबंधित विभाग या संस्था द्वारा जारी नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ना जरूरी है।
- रिटायर्ड व्यक्ति का मेडिकल फिटनेस जरूरी है, और पिछला कार्य रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए।
- विभागों में सेवा देने के लिए जरूरी योग्यता और आयु सीमा अलग-अलग हो सकती है, पर अधिकतर विभागों में 65 वर्ष तक की उम्र वालों को मौका दिया जा रहा है।
- चयन प्रक्रिया में चिकित्सा जांच, साक्षात्कार और पिछले अनुभव की जांच किए जाती है।
वेतन, भत्ते और अन्य नियम
- रिटायर्ड व्यक्ति का वेतन आमतौर पर उसी पे-लेवल पर तय किया जाता है, जिस लेवल पर वे रिटायर हुए थे।
- कॉन्ट्रैक्ट जॉब होने के कारण इन्हें प्रमोशन, इन्क्रीमेंट या अतिरिक्त भत्ता (HRA, DA आदि) नहीं मिलेगा।
- केवल मूल वेतन और कुछ निर्धारित सुविधाएं ही दी जाती हैं।
- इन नियुक्तियों में प्रतिमाह एक तय छुट्टी भी दी जाती है, पर समाप्ति के समय छुट्टी का कोई अलग भुगतान नहीं किया जाता।
पुनः नियुक्ति योजना से लाभ
यह स्कीम सिर्फ रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए ही नहीं, समाज और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है। अनुभवी लोगों का सरकारी सिस्टम में वापस आना कार्य की गुणवत्ता को बढ़ाएगा और नया स्टाफ उनके अनुभव से बहुत कुछ सीख सकेगा। रिटायर्ड कर्मचारी खुद को फिर से समाज का हिस्सा मानेंगे, जिससे उनका मनोबल भी बढ़ेगा।
सरकार को भी योग्य, ईमानदार और काबिल लोग मिल जाते हैं, जिससे सरकारी कार्यों में तेजी और पारदर्शिता बनी रहती है। साथ ही, इस स्कीम से बुजुर्गों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन भी उपलब्ध होता है।
निष्कर्ष
सरकार की यह नई नीति रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे न सिर्फ उन्हें फिर से सक्रिय जीवन जीने का मौका मिलेगा, बल्कि उनकी योग्यता और अनुभव का सही उपयोग भी होगा। विभागों और संस्थाओं की कार्यक्षमता में भी निश्चित तौर पर बढ़ोतरी होगी। आगे आने वाले समय में इस तरह की योजनाओं से देश का सामाजिक और आर्थिक ढांचा और मजबूत बनेगा।